Page Nav

HIDE

Classic Header

Top Ad

Breaking News:

latest

राजकीय महाविद्यालय में रिक्त पदों को भरने की मांग

बाप न्यूज : अशोक कुमार मेघवाल |    फलोदी उपखंड मुख्यालय पर रिको औधोगिक क्षेत्र के सामने स्थित जयनारायण मोहनलाल पुरोहित राजकीय स्नाकोत्तर महा...



बाप न्यूज : अशोक कुमार मेघवाल |  फलोदी उपखंड मुख्यालय पर रिको औधोगिक क्षेत्र के सामने स्थित जयनारायण मोहनलाल पुरोहित राजकीय स्नाकोत्तर महाविद्यालय फलोदी में लंबे समय से रिक्त पड़े व्याखाताओं एवं अशैक्षणिक पदों को शीघ्र भरने तथा विधार्थियों के आवेदन के अनुरूप महाविद्यालय में सीटें बढाने की मांग को लेकर रविवार को फलोदी युवा शक्ति संगठन के कोर्डिनेटर महेश मधुसुदन ओझा ने राज्य के मुख्यमंत्री, फलोदी विधायक, जिला कलक्टर जोधपुर, काॅलेज शिक्षा आयुक्त, एडीएम तथा एसडीएम फलोदी को ज्ञापन भेजा है। 

महेश ओझा ने ज्ञापन में बताया कि जयनारायण मोहनलाल पुरोहित राजकीय स्नाकोत्तर महाविद्यालय फलोदी में स्वीकृत व्याख्याताओं के 15 पदों में से 11 पद ही भरे हुये है उसमें से भी 3 व्याख्याता अन्य महाविद्यालय में प्रतिनियुक्ति पर लगे हुये है, महाविद्यालय में व्याख्याताओं के कुल 7 पद रिक्त पड़े है। इसी प्रकार अशैक्षणिक कर्मचारियों के 12 स्वीकृत पदों में से 4 पदों पर ही कर्मचारी नियुक्त है तथा 8 पद रिक्त पड़े है। ओझा ने बताया कि कला संकाय में 500 सीटें स्वीकृत है जिसके लिये 980 विधार्थियों के आवेदन प्राप्त हुये है इसलिये कला संकाय में 1000 सीटें की जानी चाहिये इसी प्रकार विज्ञान संकाय में 88 सीटें स्वीकृत है जिसके लिये 153 विधार्थियों के आवेदन प्राप्त हुये है इसलिये विज्ञान संकाय में 200 सीटें स्वीकृत की जानी चाहिये। ओझा ने बताया कि महाविद्यालय में केवल कला संकाय में एक ही विषय राजनिति शास्त्र में स्नातकोत्तर शिक्षा में एमए की सुविधा है, इसलिये विधार्थियों की रुचि को ध्यान में रखते हुये हिंदी साहित्य, इतिहास, अर्थशास्त्र तथा अंग्रेजी साहित्य आदि में एमए की नियमित शिक्षा होनी चाहिये। उल्लेखनीय है कि फलोदी कस्बे में मुम्बई प्रवासी भामाशाह हेमचंद गुचिया ने 5 करोड़ 51 लाख रुपये की लागत से काॅलेज बनवाकर राज्य सरकार को सुपुर्द किया था लेकिन महाविद्यालय शुरू होने से लेकर आज तक इस महाविद्यालय में कुल स्वीकृत व्याख्याताओं तथा अशैक्षणिक कर्मचारियों के पदों को भरा नही गया है जिसके चलते विधार्थियों को परेशानियों से रूबरू होना पड़ रहा है।