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जलेश्वर महादेव मंदिर का जीर्णाद्वार कर विधिवत की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा

पीएचईडी परिसर में 2006 में हुआ था निर्माण, 16 साल बाद हुई शिवलिंग व मूर्तियां स्थापित बाप न्यूज |  कस्बा स्थित जलदाय विभाग के परिसर में स्...


पीएचईडी परिसर में 2006 में हुआ था निर्माण, 16 साल बाद हुई शिवलिंग व मूर्तियां स्थापित

बाप न्यूज कस्बा स्थित जलदाय विभाग के परिसर में स्थित पुराने मंदिर का जीर्णोद्वार करवाने के बाद शनिवार को विधिवत शिवलिंग व शंकर भगवान के परिवार की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा हुई। इस शिव मंदिर का नाम जलेश्वर महादेव मंदिर रखा गया है। आचार्य पंडित कंवरलाल जोशी ने बताया कि शिवलिंग सहित मां पार्वती, कार्तिक, गणेश, नन्दी के साथ बजरंग बली की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा यज्ञ के साथ विधि विधान से सम्पन्न हुई। यज्ञ एवं मूर्ति प्रतिष्ठा में गणपत सिंह भाटी व बालकिशन पालीवाल सपत्नीक बैठे तथा पूजा करवाकर मूर्तियां स्थापित करवाई। पंडित देवीलाल बोहरा ने कहा कि यह स्थान पॉजिटिव ऊर्जा का केंद्र होगा। महादेव का जल से सीधा संबंध है। इस क्षेत्र में जल कि कोई कमी नही रहेगी। यज्ञ में क्षेत्र में सुख, शांति, समृद्धि व विश्व कल्याण की कामना को लेकर आहुतिया दी गई। पंडित श्यामसुंदर ने बताया कि हमारे आसपास नेगेटिव ऊर्जा अधिक है, इसी कारण हमारे कार्यो में विघ्न आते है। हमें सफलता नही मिलती। हमारी पूजा पद्धति में विज्ञान समाहित है। सही पूजा का फल शीघ्र मिलता है।

जलदाय विभाग परिसर में बने इस मंदिर का निर्माण 2006 में करवाया गया था। लेकिन मंदिर में विधिवत मूर्तियों को नहीं रखा गया था। इसलिए मंदिर में निरंतर पूजा अर्चना भी नहीं हो रही थी, जिससे मंदिर की देखरेख भी नहीं हो पाई। निर्माण के 16 साल बाद सहायक अभियंता गणपतसिंह अवाय, कनिष्ठ अभियंता विश्वेंद्रसिंह व सहायक कर्मचारी रूपाराम, रामूराम, हरिकिशन माली व तोलाराम पालीवाल ने मंदिर का जीर्णोद्वार करवाने में विशेष सहयोग किया। प्राण प्रतिष्ठा समारोह में पूर्व उप प्रधान जगदीश पालीवाल, इंद्र प्रकाश जोशी, मंत्रालय कर्मचारी संघ अध्यक्ष अर्जुन सिंह, मूलसिंह मोडरडी, किशनलाल, हरि किशन माली, सुरेश गुचिया, नरेंद्र सिंह, हेमंत पुरोहित, जगदीश बोहरा, मोहन लाल भील, इंद्रसिंह बावडी बरसिंगा, रूपाराम, रामसा, अखेराज खत्री, भंवर सिंह भाटी सिड्ड, लक्ष्मण चौधरी, अजय तिवाड़ी, पंडित श्याम सुंदर, धर्मेन्द्र जोशी, इंद्रसिंह आमला, ओम जोशी, नारायण माली, भोमराज माली, तेजाराम बिश्नोई, मांगीलाल गोदारा, गोपाल विश्नोई आदि उपस्थित थे।