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राष्ट्रीय स्तर का सम्मान: हलधर ऑर्गेनिक अवार्ड विजेता

तिंवरी क्षेत्र के प्रगतिशील किसान रतनलाल डागा आईसीएआर के हलधर पुरस्कार से सम्मानित जैविक कृषि श्रेणी में संयुक्त विजेता बाप न्यूज़ : जेठमल जै...

  • तिंवरी क्षेत्र के प्रगतिशील किसान रतनलाल डागा आईसीएआर के हलधर पुरस्कार से सम्मानित
  • जैविक कृषि श्रेणी में संयुक्त विजेता

बाप न्यूज़ : जेठमल जैन

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की ओर से 2016 राष्ट्रीय स्तर पर जैविक खेती में विशेष कार्य के लिए किसानों को पुरस्कार देने हेतु हलधर ऑर्गेनिक अवार्ड शुरू किया था। 16 जुलाई को आईसीएआर के 93 वें स्थापना दिवस के उपलक्ष में दिल्ली के कृषि भवन में आयोजित अवार्ड सेरेमनी में की गई पुरस्कारों की घोषणा में जोधपुर जिले के मथानिया क्षेत्र के रतनलाल डागा को जैविक कृषि में उन्नत कार्य के लिए वर्ष 2020 के हलधर ऑर्गेनिक अवार्ड का संयुक्त विजेता घोषित किया गया। रतनलाल डागा कृषि में स्नातक है और भारतीय किसान संघ में अखिल भारतीय जैविक प्रमुख के रूप में जैविक कृषि को प्रोत्साहित व इसके लिए किसानों को प्रशिक्षण के कार्यों में कई वर्षों से लगे हुए है। भेंसेर कुतड़ी स्थित लाल सागर गौ आधारित जैविक कृषि फार्म पर पपीता, अनार, बेलपत्र, चिया, ग्रीन टी, जीरा, धनिया, मेथी, चना, गेंहू, बाजरा, मूंग, तिल, मूंगफली व तुरई, बैंगन, लौकी, ककड़ी, टिंडसी, पालक सहित विभिन्न प्रकार की सब्जियां उगाते है। 

रतन लाल डागा
भारतीय किसान संघ के प्रांत प्रचार प्रमुख तुलछाराम सिंवर ने बताया भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के 93 वां स्थापना दिवस पर रतनलाल डागा को हलधर पुरस्कार (राष्ट्रीय पुरस्कार) से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में कृषि व किसान कल्याण मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर, मत्स्य व पशुपालन मंत्री पुरषोत्तम रुपाला, कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी सहित आइसीएआर के अधिकारी व कृषि वैज्ञानिक मौजूद थे। उन्होंने बताया कोरोना महामारी के कारण इस बार दिल्ली में ये पुरस्कार न देकर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पुरस्कार की घोषणा की गई। अब रतन लाल डागा को संयुक्त विजेता के रूप में प्रमाणपत्र के साथ 50 हजार रुपये  दिए जाएंगे।

ये है खेती करने का तरीका

रतनलाल डागा ने बताया की वर्ष 2000 में उन्होंने जैविक खेती शुरू की थी। शुरुआत में अत्यधिक रसायनों के प्रयोग के कारण बंजर हो चुकी जमीन को कार्बनिक रुप से उपजाऊ बनाने में वक्त लगा लेकिन अब रासायनिक खादों के बराबर लागत में ही उत्पादन ज्यादा मिलता है। फसल को रोगों से बचाने के लिए नीम तेल, खट्‌टी छाछ और देशी गाय के गोमूत्र से कीटनाशक बनाकर छिड़काव करते हैं। पौधे मजबूत रहे इसके लिए देशी गाय के दूध से बने दही को तांबे की छड़ के साथ प्रक्रिया करने के पश्चात पानी मिलाकर छिड़काव करते हैं। हर साल मिट्‌टी का परीक्षण कराते हैं रिपोर्ट के आधार पर खाद डालते है।

पपीता की रहती है व्यापक मांग

रतनलाल डागा के कृषि फार्म पर अन्य फसलों के साथ ही 2 हजार से अधिक पपीते के पौधे लगे हुए है यहां उत्पादित पपीते की व्यापक मांग रहती है खेत मे उत्पादित ज्यादातर पपीता सीधे खेत से ही बिक्री हो जाता है। पपीते के उत्पादन से कई गुना ज्यादा मांग रहती है इस कारण जोधपुर से बाहर की मांग को पूरा नही कर पाते है।

बाप में भी किसानों ने जताई खुशी

डागा को वर्ष 2020 का हलधर ऑर्गेनिक फार्मर आवार्ड से सम्मानित करने पर बाप के किसानो ने खुशी जाहिर की । किसान संघ अध्यक्ष हनुमान अमरानी ने किसानों से जैविक खेती की तरफ ध्यान देने की अपील करते हुए कहा कि धरती पर रासायनिक उर्वरकों वरासायनिक दवा छिड़कने के कारण धरती बंजर हो रही है । डागा को सम्मानित करने पर फलौदी सीमाजन जिला अध्यक्ष सांग सिंह भाटी, उपाध्यक्ष अखेराज, ओम राठी, हरि माडपुरा, गोपाल भट्टड़, मोहन भैया, खंड संघचालक मन सुख पालीवाल, रेखचन्द, धूड़ चंद कोठारी, अशोक  चाण्डक, जगदीश चाण्डक, दामोदर मेहता, गोपाल चाण्डक, जीतेन्द्र भैया, सेठ तनसुख आदि ने बधाई देते खुशी जाहिर की।