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सोशल मीडिया पर शॉर्टकट इमोजी टाइपिंग हिंदी के शब्द भंडार को पहुंचा रही नुकसान : डा. योगेश शर्मा

राष्ट्रीय हिंदी दिवस पर बाप में हुई अनेक गतिविधियां बाप न्यूज |  राष्ट्रीय हिंदी दिवस पर बाप में अनेक गतिविधियों का आयोजन किया गया। ज्ञान ज...


राष्ट्रीय हिंदी दिवस पर बाप में हुई अनेक गतिविधियां
बाप न्यूजराष्ट्रीय हिंदी दिवस पर बाप में अनेक गतिविधियों का आयोजन किया गया। ज्ञान ज्योति उच्च माध्यमिक विद्यालय बाप में गुरूवार को हिंदी दिवस पर चित्रकला, निंबध, भाषण तथा कविता प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। निदेशक सुरेश सियाग व प्रधानाचार्य ने राधेश्याम खत्री ने बताया कि हिंदी के महत्व के बारे में बताया। साथ ही दैनिक जीवन में मातृ भाषा हिंदी का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करने को कहा। प्रधानाचार्य राधेश्याम खत्री ने बताया कि चित्रकला में कक्षा 6 की कविता पालीवाल, निंबध में कक्षा 9 की अनिता कंवर, कविता वाचन में कक्षा 8 की राजेश्वरी तथा भाषण कक्षा 8 के छात्र रामनारायण ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। इस मौके पर इलियास खां, सोमराज, संदीप, हिमांशु, श्रीराम, दीपक, लक्ष्मीचंद कुमावत, सविता जोशी, शैलजा, पिंकी सोनी, सीता उपस्थित रही।

सौर्य ऊर्जा के सहयोग से दूसरा दशक द्वारा संचालित पुस्तकालय कार्यक्रम के तहत राउमावि कानासर गांव तथा कानासर ढाणी में हिंदी दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्टी में हिंदी दिवस मनाने के उद्देश्य पर प्रकाश डाला गया। पुस्तकालय कार्यक्रम प्रभारी अणदाराम ने बताया कि दूसरा दशक द्वारा हिंदी भाषा को मजबूत करने के लिए बाप पंचायत समिति की 7 पंचायतों की 10 उच्च माध्यमिक विद्यालयों में करीब 700 हजार से अधिक हिंदी की पुस्तकों कहानियों, कविताओं, महापुरुषों की जीवनी, त्योहारों, पशु-पक्षी तथा अन्य रोचक पुस्तकों के माध्यम से नए-नए शब्द सीखना, शब्दों के अर्थ, निबन्ध तथा प्रतियोगिताओं के माध्यम से बच्चों की हिंदी को मजबूत करने कार्य किया जा रहा है। कानासर ढाणी के शिक्षक भीमराज, वरिष्ठ अध्यापक सुरेंद्र कुमार, कानासर प्रधानाचार्य ओमप्रकाश गोदारा, वरिष्ठ शिक्षक बाबूलाल पालीवाल, शिक्षक शुभकरण पारीक, उमेश विश्नोई तथा पन्नालाल राव उपस्थित रहे।

राजकीय महाविद्यालय बाप में भी गुरूवार को राष्ट्रीय सेवा योजना एवं स्वीप योजना 2023 के संयुक्त तत्वावधान में हिंदी दिवस मनाया गया। सहायक आचार्य डॉ योगेश शर्मा ने कहा कि हमें क्षेत्रवाद भाषाई विरोध से ऊपर उठकर सभी भाषाओं का सम्मान करना चाहिए तथा उनके शब्दों को हिंदी में महत्व देना चाहिए ताकि राजनीतिक स्तर पर हो रही भाषायी वर्चस्व की भावना खत्म हो सके। जब संपूर्ण भारत एक है तथा इसकी सांस्कृतिक एकता विश्व में मिशाल मानी जाती है तो क्यों न हम सभी भाषाओं का सम्मान कर हिंदी के शब्द भंडार में अभिवृद्धि कर इसके मान को बढ़ाएं। जिस तरह हिंदी अंग्रेजी साथ साथ चल रही है उसी तरह हम हिंदी के साथ-साथ अन्य भाषाओं को महत्व देकर भाषाई सोहाद्र कायम रख सकते हैं। डॉ. शर्मा ने चिंता जताई कि वर्तमान में सोशल मीडिया पर चल रही शॉर्टकट इमोजी टाइपिंग हिंदी के शब्द भंडार को नुकसान पहुंचा रही है। जिसका खामियाजा वर्तमान में युवा वर्ग की वर्तनी संबंधी अशुद्धियों में देखने मिल रहा है। कार्यवाहक प्राचार्य सुरेंद्र कुमार जांदू कहा कि हिंदी का साहित्य समृद्ध है तथा विद्यार्थी हिंदी की अच्छी पुस्तक पढ़ कर सफलता के नए सोपान स्थापित कर सकते हैं। शिव कुमार, भेराराम बेड़ा ने भी अपने विचार व्यक्त किये।