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मेघराजसर तालाब की क्षमतावर्द्धन, सुदृढीकरण एवं सुरक्षा के लिए सरपंच ने सरकार से मांगा विशेष पैकेज

बाप न्यूज़ | बाप कस्बा स्थित प्राचीन मेघराजसर तालाब को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए उसकी क्षमतावर्द्धन करने सहित सुदृढीकरण एवं स...

बाप न्यूज़ | बाप कस्बा स्थित प्राचीन मेघराजसर तालाब को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए उसकी क्षमतावर्द्धन करने सहित सुदृढीकरण एवं सुरक्षा के लिए सरकार से विशेष पैकेज आवंटन करवाने की मांग की गई है। 


सरपंच लीलादेवी पालीवाल ने लोहावट प्रवास पर आए आरसीए अध्यक्ष वैभव गहलोत को इस संबध में पत्र दिया है। सरपंच ने पत्र में लिखा कि बाप गांव के मध्य स्थित प्राचीन मेघराजसर तालाब साढ़े पांच सौ वर्ष पुराना है। तालाब पर स्थानीय ग्रामीण सहित आस-पास के दर्जनों गांव आज भी इस पर निर्भर है। लेकिन कई वर्षों से इस तालाब की खुदाई नहीं हुई। वर्षा ऋतु में वर्षा जल के साथ आगोर (कैचमेन्ट ऐरिया) की मिट्टी भी इसके साथ तालाब में आती रही है। जिससे तालाब की भराव क्षमता में भी बहुत कमी आई है। तालाब के कैचमेन्ट ऐरिये में अवैध खनन एवं अवैध कब्जे भी हो रहे है। ऐसी स्थिति में उसकी सुरक्षा करवाना भी अति आवश्यक है। 

तालाब की पाल भी बहुत पुरानी होने के साथ-साथ बहुत मजबूत भी थी। किंतु समय के साथ-साथ एवं वर्षा की मार से उसका सेक्शन बिगड़ गया है। तालाब की पाल के बाहरी हिस्से पर भी लोगों द्वारा अवैध कब्जे कर पाल को भी क्षति पहुंचाई है। ऐसी स्थिति में इस प्राचीन तालाब की क्षमता वर्द्धन्ता एवं सुदृढीकरण अति आवश्यक है। जिससे यह तालाब क्षेत्र में एक पर्यटक स्थल के रूप में भी विकसित हो सके। ग्राम पंचायत ने हाल ही में तालाब पर एक घाट का भी निर्माण करवाया गया है। 

2002 में मिले विशेष बजट से हुई थी खुदाई

पूर्व प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी तथा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत यहां आ चुके हैं। मुख्यमंत्री गहलोत के प्रयासों से ही वर्ष 2002 में मिले विशेष कोष से ही इस तालाब की खुदाई/सफाई का कार्य भी संपन्न हुआ था। मगर उसके बाद इस तालाब पर किसी भी प्रकार का कोई कार्य राज्य सरकार द्वारा नहीं करवाया गया है। यह तालाब जिले का सबसे बड़ा एवं प्राचीन तालाबों की श्रेणी में भी आता है।