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गूंगेत का मगरा जाने वाला मार्ग बाप से निकलते ही अवरूद्ध, मॉडल स्कूल के मार्ग भी पर भी अतिक्रमण

ग्रामीणो ने उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंप रास्ते खुलवाने की मांग बाप न्यूज : रमन दर्जी |  बाप से गूंगेंत का मगरा जाने वाला कटाण मार्ग बाप ...

ग्रामीणो ने उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंप रास्ते खुलवाने की मांग

बाप न्यूज : रमन दर्जीबाप से गूंगेंत का मगरा जाने वाला कटाण मार्ग बाप से निकलते ही अवरूद्ध पड़ा है। जिससे आमजन सहित किसानो को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। इसके अलावा कस्बे से स्वामी विवेकानंद राजकीय मॉडल स्कूल जाने वाला मार्ग पर भी अतिक्रमण से बंद पड़ा है। इसको लेकर विद्यार्थियो को सबसे ज्यादा परेशानी उठानी पड़ रही है। ग्रामीणो ने सोमवार को उपखंड अधिकारी सुखाराम पिंडेल को दो अलग अलग ज्ञापन सौंप दोनो रास्ते खुलवाने की मांग की है।  

ग्रामीणो ने उपखंड अधिकारी पिंडेल को बताया कि एनएच 11 से गूंगेंत का मगरा व ढोलियो की ढाणी जाने वाला आम कटाण रास्ता पिछले लंबे समय से अवरूद्ध पड़ा है। उक्त रास्ते पर काश्तकार द्वारा अपने खेत का एनीकट बांध कर अतिक्रमण किया हुआ है। जिसके कारण आमजन को भारी परेशानी हो रही है। यह रास्ता गूंगेत का मगरा होते हुए रमजान पुरा, भीवजी का गांव, केशरपुरा, बगतावर नगर, हरिसिंह नगर, अखाधना, राणेरी, बारू तक आगे कटाण मार्ग से जुड़ता है। लेकिन यह रास्ता बाप से शुरू होते ही अतिक्रमण की जद में आया हुआ है। बरसात के दिनो में यहंा से आवागमन पुरी तरह से बंद हो जाता है। राजस्व टीमो द्वारा उक्त रास्ते की पैमाईस की गई है। लेकिन खसरा नंबर 1896, 1896/1, 1896/2, 1896/3, 1896/4 तथा 1895  के काश्तकारो द्वारा जबरन तरीके से अड़चन पैदा कर उक्त रास्ते को बार बार अवरूद्ध किया जा रहा है। ग्रामीणा ने उपखंड अधिकारी से मौका रिपोर्ट लेने के बाद टीम का गठन कर उक्त रास्ते को खुलवाने की मांग की है।

ग्रामीणो व वन विभाग ने किया रास्ता बंद 

एक अन्य ज्ञापन मे ग्रामीणो ने लिखा कि बाप कस्बा से स्वामी विवेकानंद राजकीय मॉडल स्कूल जाने वाले कटाण मार्ग खसरा नंबर 895 भी पिछले काफी समय बंद किया हुआ है। उक्त कटाण मार्ग पर लोगो व वन विभाग द्वारा बंद किया हुआ है। जिसके कारण स्कूल जाने वाले बच्चो को आवागमन में परेशानी होती है। उक्त कटाण मार्ग की पूर्व में कई बार पैमाइस की हुई है, लेकिन कोई उचित कार्रवाही नहीं होने के कारण अतिक्रमण नहीं हटा। ज्ञापन सौंपते समय हरीराम, श्रवणसिंह, जितेंद्र, ओमाराम, हरीश पालीवाल, भागीरथ, कमल पालीवाल, पुखराज नाई, वेदप्रकाश, आईदानराम, मुकेश, मदन सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौज्ूद रहे।