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एफआईआर के बाद महिला को पुलिस थाने नहीं बुलाया जा सकता : राकेश खयालिया

दूसरा दशक की किशोरियों ने की पुलिस थाने की विजिट बाप न्यूज़ | दूसरा दशक के संचालित राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल की गैर आवासीय शिविर की किशोरियों...


दूसरा दशक की किशोरियों ने की पुलिस थाने की विजिट
बाप न्यूज़ | दूसरा दशक के संचालित राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल की गैर आवासीय शिविर की किशोरियों ने सोमवार को फलोदी पुलिस थाने की विजिट कर पुलिस के काम के तरीकों को जाना। थाना अधिकारी राकेश खयालिया और प्रशिक्षु भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी शाहीन के साथ संवाद किया। कॉन्सटेबल नीतू ने पुलिस थाने का भ्रमण करवाकर विभिन्न विषयों की जानकारी दी।
थाना अधिकारी राकेश खयालिया ने महिला से जुड़े कानूनों के बारे में अवगत करवाते हुए कहा कि पीड़ित महिला द्वारा एफआईआर दर्ज करवाने के बाद उसे कानूनन पुलिस थाने नहीं बुलाया जा सकता। पीड़िता का नाम गुप्त रखा जाता है। महिला को महिला पुलिस ही गिरफ्तार कर सकती है। महिला को रात में गिरफ्तार नहीं किया जाता। उम्र के हिसाब से अपराधी पर कानूनी कार्यवाही की जाती है। थाना अधिकारी ने पोक्सो एक्ट के बारे में भी विस्तार से समझाया।


इस अवसर पर किशोरियों ने भी कुछ सवाल पूछे। रक्षा ने पूछा कि चोर का पता लगाने के लिए आप सबूत कैसे इकट्ठा करते हैं ? मुस्कान का सवाल था कि गांव के थाने में महिला पुलिस के नहीं होने पर महिला अपराधी को कैसे गिरफ्तार किया जाता है ? नफीसा ने पूछा कि आम जनता में पुलिस के प्रति गलत धारणा क्यों है ? 
राकेश खयालिया का कहना था कि लोग अधूरी जानकारी से धारणा बना लेते हैं जो कि सामान्यतया गलत होती है। महिलाओं के समूह में उपस्थित एक महिला ने अपना अनुभव बताते हुए कहा कि थाने में मेरी समस्या के निराकरण के बारे में अनुभव अच्छा रहा। पुलिस का व्यवहार अच्छा था तथा रिश्वत भी नहीं देनी पड़ी। पुष्पा, साइना, जया, हेमा, रेखा, हंसा, उर्मिला, सुल्ताना आदि किशोरियों ने भी अपने सवाल पूछे। 


किशोरियों के आत्मविश्वास को देखकर बहुत प्रभावित हुवे प्रशिक्षु आइपीएस शाहीन ने दूसरा दशक को बधाई दी। उन्होंने किशोरियों के पुलिस थाने की विजिट की सराहना करते हुए कहा कि सिविल सेवा में आने से पहले मुझे भी थाने में जाने का मौका नहीं मिला था। किशोरी सानिया ने भी सिविल सेवा में जाने की इच्छा जताई। 
इससे पूर्व कांस्टेबल सुश्री नीतू ने किशोरियों को पुलिस के कार्यों के बारे में जानकारी दी। पुलिस थाने में स्थित रोजनामचा कक्ष, स्वागत कक्ष, अनुसंधान कक्ष, रसोई घर, महिला डेस्क, पुरूष व स्त्री बंदी गृह आदि के बारे में अवगत करवाया।
परियोजना निदेशक मुरारी लाल थानवी ने बताया कि दूसरा दशक शिक्षा के माध्यम से सामाजिक बदलाव के लिए कार्य कर रहा है। दूसरा दशक से जुड़कर किशोरियों में आत्मविश्वास बढ़ता है। इस दौरान प्रशिक्षिका कंचन थानवी, शैलजा व्यास, नीलम तथा सहयोगी मोती राम व ज्योति चाण्डा मौजूद रहे।