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डेढ़ लाख की आबादी तक पहुंचाया कोरोना महामारी से बचने का संदेश

900 से अधिक जरूरतमंद परिवारों को उपलब्ध करवाई खाद्यान सामग्री Bap New s:   (अशोक कुमार मेघवाल) कोरोना महामारी के दौर में जब पूरा देश ...

900 से अधिक जरूरतमंद परिवारों को उपलब्ध करवाई खाद्यान सामग्री

Bap News: (अशोक कुमार मेघवाल)

कोरोना महामारी के दौर में जब पूरा देश लॉकडाउन था, सभी लोग अपने-अपने घरों में बन्द थे तब कोरोना महामारी की भयावहता को देखते हुये दूसरा दशक की टीम ने तय किया कि हम अपने घरों में रहने की बजाय सामुदायिक जागरूकता एवं राहत कार्यो में जुटेंगे।पिछले तीन महिने मेें दूसरा दशक ने जरूरतमंद परिवारों तथा प्रवासी मजदूरों को खाद्य सामग्री, हाथ धोने के लिये साबुन, मास्क, मटकियां, चप्पल, पानी टैंकर तथा महिलाओं एवं किशोरियों बालिकाओं को सैनैट्री नैपकिन का वितरण किया है।
हाथ धोने का संदेश देता पोस्टर।

दूसरा दशक के परियोजना निदेशक मुरारीलाल थानवी ने बताया कि हांलाकि सरकार अपने स्तर पर लोगों को जागरूक करने का कार्य कर रही है, लेकिन दूर-दराज की गांव-ढाणियों में रहने वाले लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करना आवश्यक था। इसलिए दूसरा दशक ने पोस्टर्स व पैंमलेटस छपवाकर कर उसे  घर-घर में वितरण करवाया तथा नागरिकों को कोरोना से बचाव की जानकारी दी। लाऊड स्पीकर का उपयोग कर लॉकडाउन के लिये जारी किये गये सरकारी निर्देशों की पालना करने का भी अनुरोध किया गया तथा कोरोना के प्रति सचेत रहने का संदेश दिया गया। जागरूकता का यह संदेश फलोदी व बाप क्षेत्र के 82 गांव- ढाणियों सहित फलोदी कस्बे की करीब डेढ़ लाख की आबादी तक पहुंचाया गया।
दूसरा दशक के कार्यकर्ताओं ने पूर्व में परिचित ग्रामीणों व सरकारी कार्मिकों के साथ चर्चा कर बाप, फलोदी, लोहावट उपखंड के गांवों के अत्यधिक जरूरतमंद परिवारों की सूची बनाई तथा अप्रेल एवं मई माह में 920 परिवारों को तीन चरणों में 1509 खाद्यान सामग्री के किट प्रदान किये गये। खाद्यान सामग्री के इस किट में तेल, मिर्च-मसाले, दाल,चावल, शक्कर,  चाय शामिल थे।
जिन परिवारों के पास राशन कार्ड नही थे अथवा जिन्हें राशन की दुकान से गेहूं नहीं मिला था ऐसे जरूरतमंद परिवारों को निःशुल्क आटा भी वितरित किया गया।इसके अलावा सौर्य ऊर्जा कम्पनी द्वारा निर्धन परिवारों को वितरित खाद्य सामग्री में भी दूसरा दशक के कार्यकर्ताओं ने सहयोग किया। लोगों में साबुन से हाथ धोने की आदत बन जाये इसके लिए निर्धन परिवारों को 5000 से अधिक साबुन वितरित किये गये। इसके साथ ही सरकारी कर्मचारियों तथा आम लोगों को 3000 से अधिक मास्क एवं 186 सेनैटाईजर का वितरण भी किया गया, तेज गर्मी को देखते हुए बेहद जरूरतमंद परिवारों के लिए 84 पानी के टैंकरों की व्यवस्था की गई।
प्रवासी मजदूरों को ठंडा पानी मिले इसके लिये 300 मटकियों, चप्पल व बच्चों के लिये चित्रकला की स्टेशनरी की व्यवस्था की गई। लॉकडाउन के कारण दुकानें व आवगमन के साधन बंद होने से महिलाओं व किशोरी बालिकाओं को सैनैट्री नेपकिन उपलब्ध नहीं हो पाने से बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था। दूसरा दशक के कार्यकर्ताओं ने 3378 सैनैट्री नेपकिन के पैकेट ग्रामीण तथा प्रवासी मजदूर परिवार की महिलाओं तथा किशोरियों को उपलब्ध करवाये है। इन 3378 में से 2880 नैपकिन स्वास्थ्य एवं शिक्षा विभाग से प्राप्त हुये थे। इस कार्य में दूसरा दशक की प्रीति राठौड, अमरू चौधरी, मनु, नीलम, कंचन थानवी, शैलजा बोहरा, कैलाश कंवर, सुशीला,  बशिरों, इकबाल, पेंपाराम शर्मा, भंवर लाल, बीरबलराम, अणदाराम, मुकदर अली, मोतीराम, अनीस, राजेन्द्र बोहरा तथा सौर्य ऊर्जा कंपनी के मनोज व्यास ने सहयोग किया।
दूसरा दशक द्वारा किये गये कार्यो की प्रशासनिक अधिकारियों एवं जन प्रतिनिधियों ने सराहना की है।