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पंजीकृत निजी भंडार गृहो को प्रोत्साहित किया जायेगा

Bap New s:  फलोदी उपखंड मुख्यालय पर जोधपुर चौराहे के पास स्थित कृषि उपज मंडी समिति फलोदी के सचिव जयकिशन विश्नोई ने बताया कि राज्य के किसानों...

Bap News: फलोदी उपखंड मुख्यालय पर जोधपुर चौराहे के पास स्थित कृषि उपज मंडी समिति फलोदी के सचिव जयकिशन विश्नोई ने बताया कि राज्य के किसानों को अपनी उपज के विक्रय के लिये वैकल्पिक बाजार उपलब्ध करवाने तथा कोविड-19 महामारी के वर्तमान समय में मंडी परिसरों में सोशल डिस्टेंसिंग बनाये रखने के सिद्धांतों की पालना करना समय की मांग है। इस दिशा में कदम उठाते हुए कृषि विपणन विभाग द्वारा वैयर हाऊस डवलपमेंट एवं रेग्यूलेट्री अथॉरिटी (डब्लूडीआरए) के द्वारा पंजीकृत निजी भंडार गृहो को भी उप मंडी प्रांगण के रूप में स्थापना को प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया गया है। 

विभाग द्वारा आदेश जारी कर निजी भंडार गृहो को उप मंडी प्रागण के रूप में स्थापित किये जाने जाने हेतु नियमों में शिथिलता प्रदान करते हुए राजस्थान कृषि उपज मंडी नियम 1963 के नियम 56 क के उप नियम  2 में ऐसे प्रांगणो की स्थापना हेतु प्रावधित 5 हैक्टेयर भूमि की आवश्यकता के प्रावधान में शिथिलता दी गई है। इसके साथ ही कृषि विपणन विभाग द्वारा 8 अप्रैल 2015 को जारी निजी उप मंडी यार्ड संचालन के लिये निर्धारित प्रक्रिया एवं दिशा-निर्देश के बिंदु संख्या 11 में प्राईवेट उप मंडी यार्ड के लिये प्रावधित प्रतिभूति राशि 15 लाख रुपये जमा करवाने की शर्त में भी शिथिलता प्रदान की गई है।

विश्नोई ने बताया कि इस प्रकार का प्रावधान करने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य है। सरकार के इस कदम से किसानों द्वारा कृषि उपज विक्रय का वैज्ञानिक विकल्प उपलब्ध होगा। जिसके माध्यम से किसान अपनी उपज की असेयिंग ग्रेडिंग एंव पैकेजिंग के पश्चात वेयर हाउस में रख सकेगें। किसानों द्वारा भंडार गृह में भंडारित कृषि उपज की एवज में इलेक्ट्रॉनिक वेयर हाउस रिसीट जारी की जायेगी। रिसीट के आधार पर बैंको से ॠण भी प्राप्त किया जा सकता है। तथा प्रतिस्पर्धात्मक मूल्य प्राप्त होने पर सही समय पर अपनी फसल बेच सकेगा। भारत सरकार की ई-नाम परियोजना के माध्यम से भी पारदर्शी वितरण प्रणाली के माध्यम से विक्रय का विकल्प भी उपलब्ध रहेगा।

फलोदी से अशोक कुमार मेघवाल की रिपोर्ट