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फोटो काॅपी - कम्प्यूटर जाॅब वर्क, हैयर सैलून एंव मोबाइल विक्रेताओं को राहत देने की मांग

Bap News: कोरोना वायरस से बचाव के लिये केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा लागू किये लागू की गई लाॅकडाउन अवधि में समाज के विभिन्न तबके के लोग ...


Bap News: कोरोना वायरस से बचाव के लिये केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा लागू किये लागू की गई लाॅकडाउन अवधि में समाज के विभिन्न तबके के लोग विभिन्न कारणों के चलते परेशान है। इन परेशानी को दूर करने के लिये केंद्र एवं राज्य सरकार यथा संभव मदद भी कर रही है। तथा निराश्रित एवं गरीब लोगों की मदद करने के लिये क्षेत्र के भामाशाह भी जुटे हुये है। लेकिन इन सबके बीच कुछ दुकानदार ऐसे भी है, जिनका धंधा लाॅकडाउन के चलते बंद है।  उनको बंद पड़ी दुकानों का किराया अदा करना पड़ रहा है, जो उनके लिये कोड में खाज का कार्य कर रहा है। सोमवार को इस संवाददाता ने कस्बे में कम्प्यूटर जाॅब वर्क एंव फोटो काॅपी की दुकानों, मोबाइल विक्रेता एंव मरम्मत सेंटर्स तथा हैयर सैलून संचालकों की स्थिति का जायजा लिया तो बहुत ही चिंताजनक तस्वीर उभर कर सामने आई है।
बंद पड़ी दुकाने

मोबाइल विक्रेता एवं मरम्मत सेंटर:-
फलोदी शहर में करीब 80 से 90 दुकानदार है, जो मोबाइल बेचने, मरम्मत करने तथा मोबाइल से संबंधित विभिन्न उपकरण बेचने का कार्य करते है। गिनती की बड़ी दुकानों को छोड दिया जाये तो अधिकांश दुकानदार किराये की दुकान में अपना धंधा करते है।,इन दुकानों का किराया अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग है। न्यूनतम 6 हजार रुपये से लेकर अधिकतम 15 हजार रुपये तक का किराया इनको चुकाना पड़ता है,। मोबाइल की ज्यादातर एसेसरिज  दिल्ली, जोधपुर तथा बीकानेर से आती है। लेकिन लाॅकडाउन के चलते यह भी बाधित हो रखी है। मोबाइल विक्रेता संगठन फलोदी के अध्यक्ष सुनील छंगाणी, उपाध्यक्ष हमीद खिलजी तथा छोटू माली ने बताया कि एक तरफ तो लाॅकडाउन के चलते धंधा बंद है। ऊपर से बंद दुकानों का किराया देना भारी पड़ रहा है। उन्होंने  सरकार ने मांग की हैं कि मोबाइल विक्रेताओं को 12 हजार रुपये का आर्थिक मुआवना दिया जाए। ताकि संकट की इस घड़ी उनका काम धंधा चालू रह सके।

कम्प्यूटर जाॅब वर्क एवं फोटो काॅपी:-
फलोदी कस्बे में कचहरी तथा मुख्य सड़को के आस-पास करीब 35 से 40 दुकानें कम्प्यूटर जाॅब वर्क एवं फोटो काॅपी की है। जो अधिकांश किराये पर ली हुई है। इन दुकानों पर फोटो काॅपी, कम्प्यूटर टाइपिंग, ऑनलाइन आवेदन तथा ई मित्र से संबंधित कार्य होता है। इन दुकानों का किराया 6 हजार रुपये से लेकर 10 हजार रुपये तक मासिक है। कोरोना वायरस के चलते लाॅकडाउन में सब दुकाने बंद  पड़ी है, लेकिन इन दुकानदारों को बंद दुकानों का भी किराया चुकाना होगा। जो इनके लिये मुश्किल है। फोटो काॅपी एवं कम्प्यूटर जाॅब वर्क यूनियन के पदाधिकारी भंवरलाल पालीवाल, श्याम देवड़ा तथा दीपक कामरा ने राज्य सरकार से प्रति दुकानदार को 12 हजार रुपये का आर्थिक मुआवजा देने का आग्रह किया है।

हैयर सैलून संचालक:-
फलोदी कस्बे में विभिन्न गली मौहल्लों में लगभग 80 से 90 हैयर सैलून की दुकाने संचालित होती है, इन दुकानों पर बाल कटिंग, सेविंग,डाई करने जैसे कार्य किये जाते है। चुनिंदा दुकानों को छोडकर अधिकांश दुकाने किराये पर ली हुई है। जिनका मासिक किराया 5 हजार रुपये से लेकर 15 हजार रुपये तक का है। लेकिन लाॅकडाउन के चलते हैयर सैलून की दुकानें बंद होने के कारण काम धंधा ठप्प है। लेकिन इनको भी बंद दुकानों का किराया देना पड़ेगा। क्षौरकार संघ फलोदी के पदाधिकारी सीताराम कालू भाटी, संतोष चौहान एवं प्रवीण चौहान ने राज्य सरकार से प्रत्येक हैयर सैलून संचालक को 10 हजार रुपये का आर्थिक मुआवजा देने का आग्रह किया है।

आरडी बोहरा ने पेश किया है मानवीय उदाहरण:-
फलोदी कस्बे के प्रमुख भामाशाह एवं उद्योगपति आरडी बोहरा ने एसडीएम निवास के पीछे स्थित मलार गेस्ट हाउस में अपनी 14 दुकानों का किराया लाॅकडाउन अवधि में दुकानदारों से नही लेकर बेहतरीन मानवीय संवेदनाओं का परिचय दिया है। फलोदी कस्बे में अधिकांश व्यापारिक मार्केट आर्थिक रूप से मजबूत लोगों के है।,इसलिए ऐसे सक्षम लोगो को स्वेच्छा से आगे आकर अपने किरायेदारों का किराया माफ करना चाहिए ताकि इन किरायेदारों को आर्थिक संबल मिले।

(Bap News के लिए अशोक कुमार मेघवाल फलोदी की रिपोर्ट)