Page Nav

HIDE

Classic Header

Top Ad

Breaking News:

latest

संस्कृत भारत की संस्कृति का मूल आधार : शर्मा

संस्कृत भारती फलोदी जिला इकाई द्वारा आदर्श विद्या मन्दिर परिसर में हुआ जनपद सम्मेलन बाप न्यूज : रमन दर्जी |  संस्कृत भारती फलोदी जिला इका...


संस्कृत भारती फलोदी जिला इकाई द्वारा आदर्श विद्या मन्दिर परिसर में हुआ जनपद सम्मेलन

बाप न्यूज : रमन दर्जीसंस्कृत भारती फलोदी जिला इकाई द्वारा रविवार को आदर्श विद्या मन्दिर परिसर में जनपद सम्मेलन आयोजित किया गया। नगर प्रचार प्रमुख सत्यनारायण पालीवाल ने बताया कि इस सम्मेलन के उद्घाटन सत्र के कार्यक्रम के मुख्य वक्ता संस्कृत भारती के अखिल भारतीय पत्राचार शिक्षण प्रमुख हुल्लास चन्द शर्मा ने कहा कि संस्कृत भारत की संस्कृति का मूल आधार है। संस्कृत के कारण ही भारत का मूल आज भी जीवित है। भारतीय चिन्तन के लिए संस्कृत की महती आवश्यकता है। भारतीयता का विचार संस्कृत ग्रन्थों में निहित है। संस्कृत के विचार कभी पुराने नहीं हो सकते। संस्कृत को शिक्षण की भाषा बनाने की आवश्यकता है। हुल्लास चन्द शर्मा ने संस्कृत भाषा को जन भाषा बनाने के लिए उपस्थित जन समूह से संस्कृत भारती से जुड़कर संस्कृत की सेवा का आह्वान किया। हुल्लास चन्द ने बताया कि संस्कृत भारती के द्वारा सम्पूर्ण भारत में विभिन्न प्रकल्प संचालित है। 

महन्त भगवान दास महाराज अगूणी पीठ जाम्बा ने आशीर्वचन के रूप में सभी को संस्कृत की सेवा करने के लिए प्रेरित किया तथा संस्कृत विद्यालय की संख्या बढाने की बात की। भामाशाह समाज सेवी मेघराज कल्ला ने प्रतिदिन व्यवहार में संस्कृत भाषा के प्रयोग पर बल देने की बात कही। भाजपा शहर अध्यक्ष शिव कुमार व्यास ने संस्कृत भारती के कार्य की सराहना की तथा संस्कृत भाषा व संस्कृत भारती को पूर्ण सहयोग देने की बात कही। संस्कृत भारती जोधपुर प्रांत के अध्यक्ष ने नव गठित फलोदी जिले की कार्यकारिणी की घोषणा की गई। जिसमें सवाई सिंह राजपुरोहित उदयनगर को नव गठित फलोदी जिले का अध्यक्ष, फलोदी नगर अध्यक्ष जसराज जीनगर, फलोदी विकास खण्ड अध्यक्ष प्रेम प्रकाश पालीवाल, लोहावट विकास खण्ड अध्यक्ष फरसाराम विश्नोई, देचू खण्ड संयोजक जितेन्द्र पालीवाल को घोषित किया गया। 

दोपहर को समापन सत्र के प्रारंभ मे भामाशाहों का सम्मान किया गया।  समापन सत्र के मुख्य वक्ता संस्कृत भारती उत्तर पश्चिम क्षेत्र के संयोजक डॉ. तग सिंह राजपुरोहित ने भारतीय संस्कृति के परिष्कार के लिए संस्कृत को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि जो संस्कृत जानते है उनका एक एक शब्द शास्त्र सम्मत है। प्राचीन काल से संस्कृत जन भाषा रही है, किन्तु आज संस्कृत जन भाषा नही होने के कारण संस्कृति का पतन हो रहा है। भारतीय संस्कृति के पुनरूत्थान के लिए संस्कृत अनिवार्य है। विशिष्ठ अतिथि पुनरूत्थान विश्नोई ने संस्कृत के लिए सदैव कटिबध्द रहने का आश्वासन दिया। समापन सत्र में संत सानिध्य के रूप में स्वामीजी की ढाणी फलसुण्ड के महन्त रावल पुरी महाराज ने उपस्थिति प्रदान की तथा सभी के कार्य की सराहना की। नव नियुक्त जिला अध्यक्ष सवाई सिंह राजपुरोहित ने अपने उद्बोधन में सभी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए ध्येय पर अटल रहने का निर्देश दिया। इस दौरान मंच पर उपस्थित कंाग्रेस शहर अध्यक्ष सत्यनारायण गुचिया ने संस्कृत पढने वालो को धन्यवाद दिया तथा संस्कृत भारती के प्रकल्पों की सराहना की और कहा कि आगामी कार्यक्रम में संस्कृत में सी बोलने का संकल्प लिया। मुख्य अतिथि के रूप उपस्थित महेश पाबूसर ने संस्कृत सम्मेलन में आकर स्वयं को अभीभूत महसूस किया तथा विज्ञान प्रदर्शनी की प्रशंसा की। 

कार्यक्रम में राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम फलोदी आगार के मुख्य प्रबंधक चन्द्र प्रकाश पालीवाल ने अपने उद्बोधन में सभी को नियमित जीवन में उपयोग करने का निर्देश दिया। व्याकरणाचार्य दीनदयाल जोशी ने अतिथियों तथा संस्कृत अनुरागियों को धन्यवाद ज्ञापित किया। मंच का संचालन जिला मंत्री मोतीलाल सांखी व नेहा राजपुरोहित ने किया। कार्यक्रम में वैद्य गोविंद लाल शर्मा, जैसलमेर विभाग संयोजक डुंगरसिंह सिंह, जनपद कोष प्रमुख चेतन पालीवाल,  साहित्य प्रमुख प्रेम प्रकाश सुथार, भगवान सिंह राजपुरोहित,  पुखराज पालीवाल,  श्रीमती हिमांशु व्यास, दीनदयाल जोशी, लीलाधर मेघवाल, मनोज कुमार माली, प्रेमाराम चौधरी, जगदीश रंगा, अशोक कुमार, मदन पालीवाल, ओमप्रकाश पालीवाल,  देवीसिंह सिसोदिया, किरण सांखी, योगेश व्यास, भवानी सिंह खीची, मनीषा राजपुरोहित तथा अनेक कार्यकर्ता उपस्थित थे।