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गोचर व गाय के लिए गंगा के तट पर महेश व्यास ने त्यागा अन्न

फलोदी की गोचर भूमि की चारदीवारी व नन्दी शाला नहीं बनने तक व्यास नही लेंगे अन्न बाप न्यूज |  फलोदी की गोचर भूमि की चारदीवारी व नंदीशाला नह...

फलोदी की गोचर भूमि की चारदीवारी व नन्दी शाला नहीं बनने तक व्यास नही लेंगे अन्न

बाप न्यूजफलोदी की गोचर भूमि की चारदीवारी व नंदीशाला नहीं बनने तक विधानसभा 2018 चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रहे सामाजिक सेवी महेश व्यास ने अन्न का त्याग कर गंगा तट पर बैठ गए है। व्यास इन दिनो तीर्थटन पर है। व्यास ने दूरभाष पर बताया कि हमारी मा गो माता बहुत दुखी हैं। जंगल सिमट रहे है। वन क्षेत्रों में भी वनस्पतियां समाप्त हो रही है। किसी जमाने में हमारे गोवंश को पोष्टिक सेवण व धामण घास खाने को मिलता था जिससे दूध घी की कोई कमी नही थी। आज सिंथेटिक दूध जहर के रूप में हमारे बच्चे पीते है। जिसके कारण अल्प आयु में जवान बुढापे की तरफ जाता है। उसकी अकाल मृत्यु बीमारियों के कारण हो रही है। व्यास ने बताया कि फलोदी नगरपालिका क्षेत्र में करीब 1350 बीघा भूमि गोचर भूमि है। लेकिन इसमें घास का नही हैं। सीमांकन नही होने के कारण भु माफियाअों की नजर उस पर है। क्षेत्र में नन्दी बहुत हो गए जिनकी सुरक्षा नही है, इसलिए वे अकाल मौत मर रहे है। जिसके कारण धरती पर कष्ट बढ़ रहै है। हिन्दू समाज को इस तरफ ध्यान देना होगा अन्यथा बहुत बड़ा नुकसान होगा।

गोचर भूमि की चार दीवारी व नन्दी शाला नहीं बनने तक वे नहीं करेंगे अन्न ग्रहण

व्यास ने सोमवार को हरिद्वार में गंगा के तट पर फलोदी की 1350 बीघा भूमि की चार दीवारी व नगरपालिका क्षेत्र में एक नन्दी शाला बनने तक अन्न त्याग दिया है। व्यास ने बताया फलोदी के सर्व समाज के हरेक परिवार से सहयोग लिया जायेगा ताकि हर परिवार को लगेगा कि गोचर भूमि हमारी है। गो माता के सेवा में मेरा भी अंशदान है। कार्य पूर्ण होने पर हरिद्वार से गंगा जल लाकर 11 नन्दी के चरण पखार कर अन्न ग्रहण करेगे। व्यास ने बताया कि राज्य सरकार से गोचर विकास के लिए राशि ली जाएगी, शेष राशि जन सहयोग से ली जाएगी।

व्यास ने बताया हमारे पूर्वजों ने जो रिवाज परम्पराए चलाई वो हम भूल गए जिसके कारण हमे नुकसान हुआ। ओरण गोचर की परिक्रमा हम भूल गए तभी ये क्षेत्र कम हुआ। उस परम्परा को भी जीवित किया जाएगा। हमारी संतान इन चीजों से अनभिज्ञ हो गई। उन्हें पुनः स्मरण कराने की आवश्यकता है। त्याग मूर्ति, मोनी बाबा यतिनाचार्य, महन्त सहित कई संतो ने व्यास को आशीर्वाद देकर मंगल होने की कामना की है।