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खरीफ फसलों में करे सफेद लट का समन्वित प्रबंधन

बाप न्यूज : अशोक कुमार मेघवाल | फलोदी उपखंड मुख्यालय पर मोहरा रोड़ स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र फलोदी के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. सेवा...

बाप न्यूज : अशोक कुमार मेघवाल | फलोदी उपखंड मुख्यालय पर मोहरा रोड़ स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र फलोदी के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. सेवाराम कुमावत एवं कृषि वैज्ञानिकों ने खरीफ मौसम में सफेद लट का समन्वित प्रबंधन करने को लेकर किसनों को सलाह दी है। 

कृषि अधिकारी 

उन्होंने बताया कि खरीफ की फसलों में मुख्यतः हल्की बालू मिट्टी वाले क्षेत्रों में सफेद लट सबसे बड़ी दुश्मन है। इस कीट की प्रोढ तथा लट दोनो ही अवस्थाएं नुकसान पहुंचाती है। केंद्र के कीट विषय विषेषज्ञ डॉ. गजानंद नागल ने बताया कि भृंग नियंत्रण ही सफेद लट से फसलों की सुरक्षा का सरल, सस्ता, कारगर व दूरगामी प्रभाव वाला उपाय है चाहे वह सामूहिक रूप से बड़े क्षेत्र में किया जाये या व्यक्तिगत रूप से अपने खेतों पर भृंग नियंत्रण, वर्षा प्रारंभ होते ही 2-3 दिन के अंदर करे। ऐसा करने से भृंगों को अंडे देने से पहले ही मारा जा सकता है, इस कार्य के लिए वृक्षों की कटाई-छंगाई पहले से ही कर लेवें ताकि उनको खाने के लिये कुछ नही मिले। 

सफेद लट के परपोषी वृक्षों का चुनाव आस-पास के वृक्षों के समूह में से करें जैसे नीम, बेर, खेजड़ी, अमरूद एवं गुलर इत्यादि। जब भृंगो को परपोषी वृक्षों से रात में पकड़ने की सुविधा हो उन जगहों पर भृंग एकत्रित कर 5 प्रतिशत केरोसिन मिले पानी में डालकर नष्ट करे। भृंग प्रकाश के प्रति आकर्षित होते है अतः इन्हें प्रकाशपाश पर तेल मिले पानी में डालकर नष्ट करें। परपोषी वृक्षों में चिन्हित वृक्षों पर फरोमोन शाम के समय लगावे। भृंग 15-20 मीटर की दूरी से फेरोमोन की तरफ आकर्षित होते है। अतः प्रति हेक्टर तीन-चार परपोषी वृक्षों पर ही फेरोमोन लगावे एवं उन्ही पर कीटनाशी रसायनों का छिड़काव करे। 

मानसून की शुरूआत के साथ ही भृंग नीम, अमरूद एवं आम आदि पेड़ों पर इकट्ठे होते है इसलिए इन पेड़ों पर मानसून की शुरूआत होते ही दिन के समय ईमिडाक्लोप्रिड 17. 8 एसएल 1.5 मिली प्रतिलीटर क्यूनालफॉस 25 ईसी 2 मिली पानी में मिलाकर छिड़काव करे। वर्षा के साथ बोई जाने वाली फसलों में लट नियंत्रण के लिये सफेद लट से प्रभावित क्षेत्रों में क्यूनालफॉस 5 प्रतिषत कण 25 किलो प्रति हेक्टेयर बुवाई से पूर्व हल द्वारा कतारों में डाल देंवें तथा इन्हीं कतारों पर बुवाई करे। वही मूंगफली की फसल में सफेद लट की रोकथाम के लिये क्लोथियानिडिन 50 डब्ल्यूडीजी 2 ग्राम प्रति किग्रा बीज को बीजोपचार करें या इमिडाक्लोप्रिड 17. 8 एसएल 3 मिली प्रति किलो बीज के हिसाब से मिलाकर बुवाई करे। 

बाजरे के एक किलो बीज में तीन ग्राम काबोर्फरान 3 प्रतिशत या क्यूनपालफॉस 5 प्रतिशत कण मिलाकर बुवाई करे। इसी तरह अग्रिम बोई गई फसल में सफेद लट नियंत्रण के लिए 4 लीटर क्लोरोपाइरीफॉस 209 प्रतिशत ईसी या इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एलएल 300 मिली प्रति हेक्टेयर 100 किलो बजरी में मिलाकर फसल में भुरकाव कर पानी पिलायें यह उपचार मानसून की वर्षा के 21 दिन बाद भृंगों की संख्या के आधार पर करे।