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केवीके ने मूंगफली की बुवाई के लिये एडवाइजरी जारी की

फ़ाइल फोटो बाप न्यूज़ : अशोक कुमार मेघवाल | फलोदी उपखंड मुख्यालय पर मोहरा रोड़ स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र फलोदी के शस्य विज्ञान विशेषज्ञ डाॅ. ...

फ़ाइल फोटो

बाप न्यूज़ : अशोक कुमार मेघवाल | फलोदी उपखंड मुख्यालय पर मोहरा रोड़ स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र फलोदी के शस्य विज्ञान विशेषज्ञ डाॅ. एमएम पूनिया ने मूंगफली की बुवाई हेतु किसानो के लिये एडवाइजरी जारी की है। डॉ. पूनिया ने बताया कि मूंगफली की बुवाई का उचित समय जून के प्रथम सप्ताह से दूसरे सप्ताह तक है। बुवाई के लिए उन्नत किस्मों का प्रयोग करे जिसके लिये गुच्छेदार किस्में एचएनजी 123 एवं आरजी 425 की बुवाई के लिये किस्म का 100 किग्रा बीज प्रति हेक्टेयर बोये। गुच्छेदार किस्मों में कतार से कतार की दूरी 30 सेमी तथा पौधे से पौधे की दूरी 10-15 सेमी रखे। 

फैलने वाली किस्में आरजी - 510 एवं जीजेजी-19 की बुवाई के लिये किस्म का 80 किग्रा बीज प्रति हेक्टेयर बोये। फैलने वाली किस्मों में कतार से कतार की दूरी 45 सेमी एवं पौधे से पौधे की दूरी 10-15 सेमी रखे। डॉ. पूनिया ने बताया कि मूंगफली की अच्छी पैदावार लेने के लिये बुवाई से पहले प्रति किग्रा बीज में 3 ग्राम थाइरम या कार्बेण्डाजिम दवा मिलाकर बीज उपचारित करें। सफेद लट्ट की रोकथाम के लिए प्रति 40 किग्रा बीज को एक लीटर क्लोरोपायरीफोस 20 ईसी या क्यूनालफॉस 25 ईसी की दर से उपचारित करे तथा फंफूदनाशी कीटनाशी तथा राइजोबियम कल्चर से बीजोपचार उपर्युक्त क्रम में ही करे। 

उन्होंने बताया कि मूंगफली की फसल में रसायनों के तरीके से खरपतवार नियंत्रण के लिए 1. 0 किग्रा पेन्डीमेथालीन 30 ईसी को प्रति 600 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर मूंगफली उगने से पहले बुवाई के दूसरे दिन छिड़काव करे या खड़ी फसल में इमेजाथाइपर 10 एसएल की 100 मिली सकीय तत्व को 500 लीटर पानी में घोल बनाकर बुवाई के 15 -20 दिन बाद प्रयोग करे।