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राष्ट्रीय सेवा योजना से मिलती है विद्यार्थियों में सेवा भावना की सीख : प्राचार्य मोदी

कॉलेज में एनएसएस शिविर के तहत किया गया श्रमदान

कॉलेज में एनएसएस शिविर के तहत किया गया श्रमदान
महाविद्यालय में आयोजित हुआ एक दिवसीय राष्ट्रीय सेवा योजना के तहत शिविर
बाप न्यूज़ |  
कस्बा स्थित राजकीय महाविद्यालय में गुरूवार को एक दिवसीय राष्ट्रीय सेवा योजना के तहत कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में राष्ट्रीय सेवा योजना के पंजीकृत स्वयंसेवकों ने भाग लिया। कार्यक्रम प्रभारी जयप्रकाश ने राष्ट्रीय सेवा योजना के उद्देश्यों व सत्र अंत तक होने वाली एनएसएस गतिविधियों की विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुए स्वयंसेवकों को अहम् भाव त्याग कर सदैव  समाज व देश सेवा के लिए तत्पर रहने व परोपकार के लिए प्रेरित किया। महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. प्रदीप कुमार मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना से विद्यार्थियों में सेवा भावना की सीख मिलती है, जिससे विद्यार्थी आपस में जुड़ कर एवं अनुशासित रहकर सेवा माध्यम से देश के सर्वांगीण विकास में योगदान देने के लिए प्रेरित होते हैं। डॉ. मोदी ने विद्यार्थियों को बौद्धिक चेतना के बारे में व्याख्यान भी दिया। उन्होंने कहा कि बौद्धिक चेतना जागृत करने के लिए व मन की एकाग्रता के लिए हमें नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए। हाथों व अंगुलियों के सामान्य व्यायाम की क्रियाओं व उनके लाभ के बारे में जानकारी दी। प्राचार्य ने राष्ट्रीय सेवा योजना के अपने अनुभव भी विद्यार्थियों के साथ साझा किए। 
NCC कार्यशाला में हुए बौद्धिक सत्र में उपस्थित विद्यार्थी
हिंदी व्याख्याता डॉ. योगेश शर्मा ने राष्ट्रीय सेवा योजना के इतिहास के बारे में बताते हुए विद्यार्थियों को अनुशासित रहने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने राष्ट्रीय सेवा योजना के आदर्श वाक्य ‘मैं नहीं बल्कि आप' का ध्येय बताते हुए स्वयंसेवकों को राष्ट्र सेवा के प्रति जागरूकता का संदेश दिया। शिविर में स्वयंसेवकों ने महाविद्यालय के मध्य स्थित परिसर से परिश्रम करते हुए घास फूस,  कंक्रीट इत्यादि हटा मिट्टी को समतलीकरण करने का कार्य किया। बाहरी तरफ भी आसपास के परिसर से कंक्रीट, कचरा आदि की साफ सफाई का कार्य किया। इस अवसर पर छात्राओं को राज्य सरकार की ' उड़ान योजना ' कार्यक्रम के अंतर्गत नि : शुल्क सेनेटरी नैपकिन वितरण की गई । संचालन शिवकुमार व इतिहास के सहायक आचार्य कैलाश गढ़वाल भी मौजुद रहे।