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शांति की राह बड़ी कठिन : ईश्वर साहेब

कबीर आश्रम फलौदी में तेरहवां सत्संग सम्पन्न  संतो ने 25, 26 व 27 नवम्बर को दिए प्रवचन सत्संग में हजारो हुए लाभान्वित बाप न्यूज | पश्चिम काश...


कबीर आश्रम फलौदी में तेरहवां सत्संग सम्पन्न 
संतो ने 25, 26 व 27 नवम्बर को दिए प्रवचन
सत्संग में हजारो हुए लाभान्वित
बाप न्यूज | पश्चिम काशी फलौदी के कबीर आश्रम साहेब गोशाला में तीन दिवसीय सत्संग का आगाज 25 नवम्बर से हुआ। देश भर के कई दर्जन संतो का स्वागत अभिनन्दन कबीर आश्रम से जुड़े भक्तों ने किया। इस संत समागम का सोमवार को समापन हुआ। आश्रम संत ईश्वर साहेब ने बताया कि सत्संग में सुथार मंडी, मोहन गढ़, रामदेवरा,  पोकरण, ओसियां, देवगढ़, राजसमंद, सूरत, मेरठ, दिल्ली सहित अनेक स्थानों से कबीर अनुयाई व संत पधारे। दैनिक प्रवचन में ईश्वर साहेब ने कहा कि मनुष्य जन्म बार बार नही मिलता। हमारे घर में मा बाप है। उनकी सेवा से बढ़कर कुछ नही है। भगवान हमारे घर मे बैठे है। मनुष्य शांति चाहता है, मगर शांति बहुत कठिन है। सुख पदार्थ व प्राणी में नही है। सुख परमात्मा का दूसरा नाम है। संत उपेंद्र साहेब सूरत ने कहा धर्म के द्वारा हम सुख पा सकते है। संतो का संग ही हमे सुख दिला सकता है। संतो ने तीन दिन तक कबीर विचार, वैचारिक क्रांति आदि पर व्याख्यान दिए। संत तर्क साहेब ने कहा कि मां को ममता की मूर्ति मानते सेवा करना ही हमारा धर्म है। संस्कार ही मनुष्य को महान बनाता ओर संस्कार मां से व अच्छी संगत से ही मिलते। 
संत उमेद साहेब ने कहा कि सारी समस्या का एक ही हल एक लोटा जल बताया। जल को जगदीश मानकर इसका दुरूपयोग रोके। संत माधो साहेब ने गो सेवा को तीर्थ बताया कि गाय सभी सुख देने वाली है। प्रकृति को बचाने का एक गो ही आधार है।
तीन दिन तक ज्ञान गंगा में डुबकी लगाने के बाद आज संतो को विदाई दी गई। इस मौके पर संत उपेंद्र साहेब, संत माधो साहेब, संत तारक साहेब, संत उमेद साहेब, संत भंवराराम, भक्त डॉक्टर मगराज माली, गुगर माली, हरि भाई, परमसुख, जगदीश मास्टर, दुर्गा जोशी, जयप्रकाश गुचिया आदि मौजूद रहे।