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पहली बार बाप कस्बे से एक साथ तीन - तीन छात्र नीट में हुए सफल

माता पिता के संघर्ष व अपनी कड़ी मेहनत से सफल हुए तीनों छात्र  बाप न्यूज |  वर्तमान समय में बाप कस्बे के विद्यार्थियों का चिकित्सा सेवा की तर...

माता पिता के संघर्ष व अपनी कड़ी मेहनत से सफल हुए तीनों छात्र 
बाप न्यूजवर्तमान समय में बाप कस्बे के विद्यार्थियों का चिकित्सा सेवा की तरफ रुझान बढ़ा है। इसका प्रमाण नीट 2023 के परीक्षा परिणाम में कस्बे से 3 विद्यार्थियों का चयन होना हैं। विद्यार्थियों के सफलता का प्रतिशत देखकर लगता है कि आने वाले समय में बाप क्षेत्र में चिकित्सकों की कमी यहीं के विद्यार्थी ही पूरी करेंगे। इस बार तीनों विद्यार्थी पालीवाल समाज के है। पालीवाल समाज अध्यक्ष प्रेम पालीवाल ने बताया कि इसका श्रेय छात्रों के अभिभावकों के संघर्ष व छात्रों की कड़ी मेहनत के साथ साथ इनसे पूर्व एमबीबीएस कर राजकीय सेवा में चयनित हुए व एमबीबीएस कर रहे कुल 8 छात्रों के चयन को भी जाता है। और वर्तमान में भी एक दर्जन से ज्यादा पालीवाल समाज के बच्चे जोधपुर, कोटा व सीकर के विभिन्न संस्थानों में नीट की तैयारी कर रहे हैं। विद्यार्थियों के चिकित्सा सेवा में जाने के कदम को सराहनीय व स्वागत योग्य बताते हुए पालीवाल ने कहा कि यह आय के स्त्रोत के साथ सामाजिक सेवा करने का भी जरिया है। 
देवीलाल पुत्र पूनमचंद पालीवाल
नीट परीक्षा में पहला चयन वरिष्ठ लैब टेक्नीशियन पूनमचंद पालीवाल के पुत्र देवीलाल का है। जिन्होंने दूसरे प्रयास में परीक्षा में सफलता प्राप्त कर ली। अपने पिता के चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े होने के बाद देवीलाल की शुरू से इच्छा भी चिकित्सा सेवा में जाने की थी। जो कि 2023 नीट परीक्षा में सफल होने के साथ ही पूरी हुई है। देवीलाल को 631 अंक प्राप्त हुए। देवीलाल के नीट में सफल होने के बाद से घर में खुशी का माहौल है। 

घर से कोसो दूर मजदूरी कर बेटे की चिकित्सक बनने की जिद्द को करवाया पूरा
प्रारंभिक शिक्षा से ही चिकित्सक बनने का सपना देखने वाले एक बेटे को उसके पिता ने अपने परिश्रम व संघर्ष से पूरा करवाया। बाप कस्बा निवासी अशोक के पिता आईदान की कहानी कुछ इसी प्रकार की है। पालीवाल ब्राह्मण समाज के होने के बाद भी आईदान पूना में फर्नीचर का काम करते है। अशोक की मां ने खेती का कार्य करते हुए अपने बेटे को अच्छी परवरिश के साथ अच्छी शिक्षा का माहौल दिया। आईदान के दो बेटे व एक बेटी है। इसमें अशोक बड़ा बेटा है।
अशोक पुत्र आईदान पालीवाल
पारिवारिक खर्चे में कटौति करके बेटे की शिक्षा के सहायक सामग्री के खर्चे में कोई कमी नहीं आने दी। शुरू से ही मेधावी रहे अशोक ने 10वीं कोरोना काल में 98 फिसदी अंको से उत्तीर्ण करने के बाद उसके सपनों को पंख मिले। उसके बाद उसने पिता को नीट की तैयारी के लिए 11वीं फलोदी से तथा 12वीं सीकर से पढाई करने के साथ पहले ही प्रयास में नीट पास करने का भरोसा दिया। बेटे की जिद्द व भरोसे को पिता आइदान भी मना नहीं कर सका। उसने उसके सपनों को पूरा करने के लिए ऑवरटाईम कार्य कर पढाई के लिए आवश्यक पुस्तकें व कोचिंग फीस का प्रबंधन किया। अशोक ने भी उसी भरोसे के साथ नीट को 630 अंक के साथ उत्तीर्ण कर दी। अशोक के सफल होने की कहानी को देख नीट की तैयारी कर रहे अन्य छात्र भी उसकेा आदर्श मानते हुए दोगुनी मेहनत से जुट गए है। अशोक की सफलता काे देख उसके माता पिता भी अपने आप को गौरवान्तित महसूस कर रहे है।
पिता के चाय की थड़ी, बेटा नीट में सफल 
बाप कस्बे के ही प्रभुलाल पालीवाल बाप फांटे पर चाय की थड़ी चलाते है। इनके भी तीन संताने है। मां ग्रहणी है। दोनो ही कम पढ़े लिखे होने के बाद भी बचपन से चिकित्सक बनने का सपना देखने वाले अपने बेटे पिंटू की पढाई में किसी भी प्रकार की कमी नहीं आने दी।
पिंटु पुत्र प्रभुलाल पालीवाल
चाय की थड़ी से बड़ी मुश्किल से घर खर्च चल पाने के बाद भी अपनी जरूरतों को नजर अंदाज कर बेटे को नीट की तैयारी के लिए कोटा में कोचिंग सेंटर भेज दिया। आज नीट उत्तीर्ण करने के बाद लोगों से मिल रही बधाईयाें से माता पिता उत्साहित है। बेटे के चिकित्सक बनने के सपने को पूरा होते देख फुले नहीं समा रहे। पिंटू को अपने चिकित्सक मामा डॉ. हरिश का भी समय समय पर मार्गदर्शन मिलता रहा।