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तहसीलदार की कार्यशैली के विरुद्ध अधिवक्ताओं ने खोला मोर्चा

अधिवक्तओं का आरोप, तहसीलदार कर रही उनके साथ दुर्व्यवहार अनुचित मांगे पूरी करने वालो के तहसीलदार करती है कार्य प्रशासन गांवों के संग अभियान क...

अधिवक्तओं का आरोप, तहसीलदार कर रही उनके साथ दुर्व्यवहार
अनुचित मांगे पूरी करने वालो के तहसीलदार करती है कार्य
प्रशासन गांवों के संग अभियान के कार्यों की पालना पर भी मारी कुंडली

बाप न्यूज़ |  बाप तहसीलदार प्रतिज्ञा सोनी की कार्यशैली के विरूद्ध स्थानीय अधिवक्ता लामबंद हो गए है। तहसीलदार की अनुचित मांगो व उनके साथ किये जा रहे दुर्व्यवहार से दुखी अधिवक्ताओं ने एक दिन का कार्य बहिष्कार कर मंगलवार को धरना दिया। अधिवक्ताओं का आराेप है कि तहसीलदार प्रशासन गांवो के संग अभियान में पारित निर्णयों व रिकार्ड दुरस्ती के आदेशों की दुर्भावना के साथ रोक रही है, इसके अलावा पंजीयन कार्यो में भी मनमानी कर रही है।  
अधिवक्ता संस्थान बाप द्वारा निबंधक, राजस्व मंडल अजमेर के नाम उपखंड अधिकारी हरिसिंह देवल को ज्ञापन भी सौंपा। अधिवक्ताओं ने तहसीलदार के विरूध कार्यवाही करने की मांग करते हुए कहा कि तहसीलदार की कार्यशैली में सुधार नही हुआ तो अधिवक्ता संस्थान बाप बेमियादी धरना प्रदर्शन करेगी।  

अधिवक्ता संस्थान बाप अध्यक्ष मदनसिंह भाटी ने बताया कि सरकार ने हर काश्तकार पीड़ित पक्षकार को घर बैठे न्याय देने की योजना के तहत प्रशासन गांवों के संग अभियान 2021 के तहत पंचायत स्तर पर शिविर आयोजित किए। लेकिन शिविरों में हुए निस्तारण प्रकरणों की तहसीलदार पालना के नाम पर पुनः जांच मय दस्तावेज, मौका रिपोर्ट और तथ्यात्मक रिपोर्ट के नाम पर न्यायालय निर्णयों की अपने कार्यालय में अपनी अनुचित मांगों को मंगवाने के लिये ट्रायल करवाई जा रही है। 
भाटी ने कहा कि कुछ निर्णय में तो तहसीलदार अपनी अनुचित मांगे पूरी होने पर ही नामान्तरकरण स्वीकृत कर ही है। मगर आमजन उनकी मांगे पूरी करने में सक्षम नहीं है। दूर दराज से लोग हर रोज सुबह अपना काम काज छोड़ कर तहसील आते है, लेकिन वे शाम को बिना कार्य करवाए व संतोषप्रद जवाब प्राप्त किये बिना थके हारे बेरंग लौट जाते है। तहसील में यह ढर्रा लम्बे समय से चल रहा है। हालात है कि सहायक कलक्टर कोर्ट द्वारा जारी प्राथमिक डिक्री के आधार पर विभाजन प्रस्ताव (कुराजात रिपोर्ट) भी समय पर तैयार करके तहसीलदार पेश नहीं कर रही है। 
धरने पर वरिष्ठ अधिवक्ता मदनसिंह भाटी, मदनगोपाल शर्मा, भंवरलाल सुथार, ओमप्रकाश गोदारा, राजेंद्रसिंह साेंलकी, सिकन्दर खान मंगलिया, विजय तंवर, राणीदानसिंह, नसीब खान, धमेंद्र तंवर, सुभाष विश्नोई, अशोक विश्नोई, विरेंद्रसिंह भाटी, मोहम्मद रफीक, रविंद्रसिंह भाटी, किशनाराम विश्नोई, मदनलाल कुमावत, नवीन शर्मा, मूलचंद सुथार आदि बैठे। 
तहसीलदार पर अधिवक्ताओं के गंभीर आरोप 
>> प्रशासन गांवों के संग अभियान में किये गये निस्तारण आज भी पालना के लिये लम्बित है। शिविरों में अपनी समस्या का समाधान पाकर पीड़ित किसान आज भी राजस्व रेकर्ड में अमलदरामद करवाने या आपसी सहमति के बंटवाड़े, रास्ते के प्रकरणों की पालना, न्यायालय निर्णय की पालना करवाने के लिये पिछले दो महिनों से तहसील कार्यालय में चक्कर लगाने को मजबूर है। 
>> पिछले दो महिनों में सोलर कम्पनियों द्वारा अपने पक्ष में निष्पादित दस्तावेजात के नामान्तरकरण तुरन्त प्रभाव से तहसीलदार कर रही स्वीकृति, परन्तु आम जनता कोे तहसीलदार प्रतिज्ञा सोनी से किसी भी प्रकार की राहत नहीं मिल रही है। इसके लिये पिछले दो महिनों के नामान्तरकरण की जांच करवाने से ही यह स्पष्ट हो जायेगा। 
>> तहसीलदार बाप प्रतिज्ञा सोनी आमजन के हित के लिये पैरवी कर रहे अधिवक्ताओं के साथ भी आये दिन दुर्व्यहार कर रही है। कार्यालय समय में अपने निजी कार्याें में व्यस्त रहने से पंजीयन क लिए प्रस्तुत दस्तावेजों तय समय पर काश्तकारों को नहीं दिया जा रहा है इसके लिये भी ग्रामीण 100-150 किमी दूरी तय कर आते है परन्तु उनको संतोषप्रद जवाब तक नहीं दिया जाता है। 
>> तहसील परिसर में दिन भर जमीन सम्बन्धी व्यवसाय करने वाले लोगो का जमावड़ा रहता है, जिनको तहसीलदार सोनी का पूरा संरक्षण मिला हुआ है। जबकि अधिवक्ताओं के साथ तहसीलदार सोनी का व्यवहार इस हद तक निम्न हो चुका है कि वरिष्ट अधिवक्ताओं को भी कार्यालय समय में पंजीयन ऑफिस में या अन्य राजस्व सम्बन्धी कार्यो के लिये कार्यालय में बैठने की अनुमति नहीं है। तहसीलदार द्वारा व्यक्तिगत रूप से अधिवक्ताओं को कार्यालय में बैठने से मना कर दिया गया है।  
>> वर्तमान में तहसील कार्यालय बाप में नायब तहसीलदार का पद रिक्त चल रहा है तथा वर्तमान तहसीलदार सोनी का व्यवहार आमजन के प्रति सही नहीं है। जिससे आमजन को राहत नहीं मिल पा रही है। इसलिये नायब तहसीलदार, बाप के पद पर अधिकारी की नियुक्ति तुरन्त की जावे, जिससे आमजन को राहत मिल सके। साथ ही तहसीलदार के व्यवहार को देखते हुवे पंजीयन का चार्ज भी नायब तहसीलदार बाप को दिलवाया जावे।
>> तहसीलदार सोनी से अधिवक्ताओं द्वारा कई बार आग्रह किया गया, परन्तु इनकी कार्येशेैली में रतिभर भी सुधार नहीं आया है। 
 
अधिवक्तओं ने जो ज्ञापन दिया है, वह उच्चाधिकारियों को अग्रेषित कर दिया है। दिये गए ज्ञापन के संबध में तहसीलदार से जवाब भी मांगा है।
हरिसिंह देवल, उपखंड अधिकारी, बाप।