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शिक्षा विभाग में समानीकरण की नीति बनाना ग्रामीण क्षेत्र के लिए लाभदायी : बिश्नोई

बाप न्यूज़ | फलौदी विधायक मास्टर पब्बाराम बिश्नोई बुधवार को बाप क्षेत्र के दौरे पर रहे। ख़िदरत ग्राम में भगीरथ गोदारा के घर एक शादी समारोह मे...

बाप न्यूज़
| फलौदी विधायक मास्टर पब्बाराम बिश्नोई बुधवार को बाप क्षेत्र के दौरे पर रहे। ख़िदरत ग्राम में भगीरथ गोदारा के घर एक शादी समारोह में उपस्थित समुदाय को सम्बोधित करते विधायक मास्टर विश्नोई ने कहा कि हमारी पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार के निर्णय को वर्तमान सरकार ने नही माना जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्रो के विद्यालयों में नामांकन के अनुपात से बहुत कम स्टाफ रहा। गांवों के विद्यालयों की पढ़ाई चौपट हो रही है। शहरों में छात्र अनुपात से अधिक टीचर लगाए गए। ग्रामीण क्षेत्रो में जब  विद्यालयों में ताला बंदी, धरने प्रदर्शन हुये तो सरकार जागी। 
विश्नोई ने देर आये दुरस्त आये कहते हुए कहा कि सरकार अगर कठोरता से समानीकरण अब भी लागू करे तो ग्रामीण क्षेत्रो के विधार्थियों को उसका लाभ मिलेगा।  ग्रामीणों ने विधायक से नहरी पानी की चोरी का मामला बताते हुए कहा कि अन्य स्थानों पर एक माह में 7 दिन पानी दिया जाता मगर ख़िदरत, नगरासर वितरिका में मात्र 5 दिन ही पानी दिया जा रहा है। विधायक ने इस समस्या का समाधान करने का विश्वास दिलाया। भीलों की ढाणी ख़िदरत में पेयजल की समस्या का समाधान करने की मांग पंचायत समिति सदस्य रमेश माजू ने रखी। जिस पर विधायक ने कहा जल्दी ही ख़िदरत में ओवर हेड टंकी बनेगी जिससे सभी घरों में मीठा शुद्ध जल पहुचेगा।
केंद्र सरकार ने हर घर जल नल कनेक्शन की योजना बनाई है निश्चित ही इसका लाभ सभी परिवारों को मिलेगा। विधायक विश्नोई ने मौसमी बीमारी के साथ डेंगू बुखार पर चिंता प्रकट करते स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था पर तंज कसते हुए कहा कि शहरों में व शहरों के आसपास के चिकित्सालयों में नर्सिंग स्टाफ व चिकित्सक ज्यादा है। ग्रामीण क्षेत्रो में स्टाफ का आभाव है। जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्रो में लोग परेशान है। सरकार को तुरंत रिक्त पद भरने चाहिए।
इस दौरान सरपंच चौधरी हनुमानराम माजू, मनोहर गोदारा, खमुराम गोदारा, समिति सदस्य रामकुमार सियाग, श्याम बेनीवाल, हस्तीमल भवाल, मुकेश माजू, शिक्षाविद बुधाराम सियाग, सहीराम सारण, चौधरी भाखर राम, महीराम जाम्बा, बाबूराम, थानेदार बचनाराम, सुखराम सोड़ादडा, दानुराम, चोधरी रतनाराम, सांगाराम सुथार,  किसनाराम डारा, मोमराज गोदारा, अर्जुन  गोदारा, मोहन खीचड़,  महिपाल टीचर, हनुमान रुघानी आदि उपस्थित थे।