Bap New s: (अशोक कुमार मेघवाल) उपखंड मुख्यालय पर राईका बाग स्थित श्री ओसवाल गौसेवा सदन पिंजरा पोल का शुक्रवार को 106 वां स्थापना दिवस ...
Bap News: (अशोक कुमार मेघवाल)
उपखंड मुख्यालय पर राईका बाग स्थित श्री ओसवाल गौसेवा सदन पिंजरा पोल का शुक्रवार को 106 वां स्थापना दिवस मनाया गया। इस गौसेवा सदन को फलोदी के जैन समाज के द्वारा गठित एक कार्यकारिणी द्वारा संचालित किया जाता है। इस गोशाला में 570 गोवंश संधारित है। इसमें घायल, अंधे, अपंग व बुजुर्ग गोवंश भी शामिल है।
शुक्रवार को कोरोना काल के चलते सादगी से स्थापना दिवस मनाया गया। इस उपलक्ष्य में संस्था के सदस्यों ने मिलकर 36 पौधे लगाये गये तथा पिछले दो-तीन वर्षों में लगाये गये पौधो की निराई-गुड़ाई की एवं उन्हें खाद देकर सेवा की। इस अवसर पर रविन्द्र कुमार जैन, धनराज लूनावत, प्रफुल बुरड़, करण गोलेच्छा, राकेश गोलेच्छा, महावीर भंसाली, अशोक सराफ, स्वरूपचंद पारख आदि ने सेवा की। पिंजरा पोल में नमूने के तौर पर सेवण घास तथा हाथी घास आधे- आधे बीघा में लगाया हुआ है इसे कमजोर व अंधी गायों को खिलाया जाता है।
106 वे स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में पिंजरा पोल कार्यकारिणी के अध्यक्ष रविंद्र कुमार जैन ने बताया कि पिंजरा पोल को 300 बीघा जमीन की जरूरत है। यदि वह जमीन मिल जाती है तो वहां पर पर्याप्त मात्रा में चारा उत्पादन कर हम आत्मनिर्भरता की तरफ कदम बढ़ा सकते है। हमारे पास इतनी जमीन हो तो हम प्रकृति की सेवा के कई अनूठे उदाहरण पेश कर सकते है। हजारो की तादाद में पेड़ भी विकसित किये जा सकते है। पेड़ों से अनेकों पक्षियों को अपने घर बनाने के अवसर मिलेंगे तथा उनका जीवन भी सुचारू रूप से चलेगा।सरकार तथा दानदाताओं के सहयोग से इस गौशाला में सेवा कार्य लगातार जारी है।
शुक्रवार को कोरोना काल के चलते सादगी से स्थापना दिवस मनाया गया। इस उपलक्ष्य में संस्था के सदस्यों ने मिलकर 36 पौधे लगाये गये तथा पिछले दो-तीन वर्षों में लगाये गये पौधो की निराई-गुड़ाई की एवं उन्हें खाद देकर सेवा की। इस अवसर पर रविन्द्र कुमार जैन, धनराज लूनावत, प्रफुल बुरड़, करण गोलेच्छा, राकेश गोलेच्छा, महावीर भंसाली, अशोक सराफ, स्वरूपचंद पारख आदि ने सेवा की। पिंजरा पोल में नमूने के तौर पर सेवण घास तथा हाथी घास आधे- आधे बीघा में लगाया हुआ है इसे कमजोर व अंधी गायों को खिलाया जाता है।
106 वे स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में पिंजरा पोल कार्यकारिणी के अध्यक्ष रविंद्र कुमार जैन ने बताया कि पिंजरा पोल को 300 बीघा जमीन की जरूरत है। यदि वह जमीन मिल जाती है तो वहां पर पर्याप्त मात्रा में चारा उत्पादन कर हम आत्मनिर्भरता की तरफ कदम बढ़ा सकते है। हमारे पास इतनी जमीन हो तो हम प्रकृति की सेवा के कई अनूठे उदाहरण पेश कर सकते है। हजारो की तादाद में पेड़ भी विकसित किये जा सकते है। पेड़ों से अनेकों पक्षियों को अपने घर बनाने के अवसर मिलेंगे तथा उनका जीवन भी सुचारू रूप से चलेगा।सरकार तथा दानदाताओं के सहयोग से इस गौशाला में सेवा कार्य लगातार जारी है।